Little Known Facts About kismat ka upay.

२. प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे !

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नौवें भाव में केतु उच्च का और राहु नीच का माना गया है। यदि आपकी कुंडली में यह स्थिति है तो भाग्य पर अशुभ ग्रह स्थित है। हो सकता है कि इस स्थान पर अशुभ या क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो या गुरु पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि या गुरु शत्रु भाव में बैठा हो तो भाग्य कमजोर होगा और जातक को भाग्य का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। अर्थात उसे उसके भाग्य से कुछ भी नहीं मिलेगा।

रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद पीपल के पेड़ पर एक लोटा जल चढ़ाएं। पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है। रोज ये उपाय करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। इस पेड़ का महत्व इसी बात से जाना जा सकता है कि अर्जुन को गीता को उपदेश देते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं को पेड़ों में पीपल बताया था।

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कुंडली में भाग्य- कुंडली में नवम भाग को ज्योतिष में भाग्य और लाल किताब में धर्मी भाव माना जाता है। नवम भाव का स्वामी गुरु होता है जिसे नवमेश या भाग्येश कहते हैं। मतलब यह कि आपकी कुंडली में नवम भाव और नवमेश शुभ नहीं है, तो उन पर शुभ ग्रहों का प्रभाव नहीं है या सोए हुए हैं तो आपको जीवनभर संघर्ष ही करते रहना होगा।

गुरु यदि आठवें भाव में है तो लाल किताब के अनुसार इसे श्मशान में बैठा साधु कहा गया है। यदि दूसरे भाव में गुरु के सहयोगी ग्रह हैं, तो लाभ होगा। नहीं है तो सोना पहनने से जल्दी लाभ मिलता है। दूसरा यह कि रोज हनुमान चालीसा पढ़ेंगे, श्मशान में पीपल का पेड़ लगाएंगे और राहु का उपाय करेंगे तो भाग्य जाग जाएगा।

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लाल किताब के अनुसार जिस घर में कोई ग्रह न हो तथा जिस घर पर किसी ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती है तो उसे सोया हुआ घर माना जाता है। जो घर सोया हुआ होता है उस घर से संबंधित फल तब तक प्राप्त नहीं होता है, जब तक कि वह घर जागता नहीं है। यदि आपका नवम घर या भाव सोया है तो समझो कि भाग्य सोया हुआ है।

Each and every morning soon after bathing and carrying clean up garments, and Puja, light-weight a lamp close to the Tulsi plant. The ghee used in the lamp should be that of cow’s milk. This helps retain beneficial energies in your home and retains the negativity at bay.

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सुबह सूरज उगने के समय एक गुड का डला लेकर किसी चौराहे पर click here जाकर दक्षिण की ओर मुंह करके खडे हो जांय ! गुड को अपने दांतों से दो हिस्सों में काट दीजिए ! गुड के दोनो हिस्सों को वहीं चौराहे पर फेंक दें और वापिस आ जांय !

बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आप विशेष रूप से विष्णु सहस्त्रनाम, दुर्गा सप्तशती का पाठ, और गणेश जी की पूजा करना विशेष फलदायी बताया गया है। पूजा में गणेश जी को दूर्वा चढ़ाना अति लाभप्रद होगा।

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